ईद-उल-अज़हा पर सार्वजनिक स्थान पर व प्रतिबंधित पशु की कुर्बानी ना करें:आसिफ सैफी
ईद-उल-अज़हा पर सार्वजनिक स्थान पर व प्रतिबंधित पशु की कुर्बानी ना करें:आसिफ सैफी
मुरादाबाद भोजपुर क्षेत्र के गांव लालूवाला निवासी समाजसेवी मौहम्मद आसिफ सैफी ने मुस्लिम समाज से अपील की है कि आने वाले त्योहार ईद उल अज़हा यानी बकरा ईद पर खुली जगह में व प्रतिबंधित पशु की कुर्बानी बिल्कुल ना करें।मुस्लिम समुदायक को चाहिए कि सार्वजनिक स्थान गली,मुख्य मार्ग,सड़क व चौराहों पर जानवर की कुर्बानी ना करें।इसके अलावा जिस जानवर की कुर्बानी की इजाज़त सरकार नहीं देती है तो उस जानवर की कुर्बानी भी ना करें।क्योंकि इस्लाम में प्रतिबंधित पशु की कुर्बानी अमान्य है कोई भी तोहार हो किसी भी मजहब का हो सबका मकसद आपसी भाईचारा मेलजोल मोहब्बत एकता का पैगाम देना चाहिए।किसी दूसरे धर्म जाति के लोगों को हमारे किसी भी काम से किसी तरह की तक़लीफ नहीं पहुँचनी चाहिए,कुर्बानी का जानवर निरोगी स्वस्थ जवान खूबसूरत होना चाहिए।इस ईद पर जानवर की कुर्बानी के साथ अपने दिल से बेईमानी नफरत जलन झूठ धोखा आदि बुराइयों का भी खात्मा कर दें।
अल्लाह ने कुरान शरीफ में कहा है कि कुर्बान होने वाले जानवर का खून गोश्त अल्लाह तक नहीं पहुंचता है बल्कि कुर्बानी करने वाले इंसान की नियत इरादा अल्लाह तक पहुंचता है।