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“भारत-पाक युद्ध पर फेक न्यूज़ का हमला: यूट्यूब से लेकर न्यूज़ चैनलों तक फैलाई जा रही है अफ़वाहों की आग भारत व पाकिस्तान के कुछ न्यूज़ एंकरों ने खत्म की पत्रकारिता की मर्यादा”
इंट्रो:
भारत और पाकिस्तान के बीच ड्रोन संघर्ष और सैन्य तनाव की खबरों के बीच सोशल मीडिया पर एक और खतरनाक जंग चल रही है—फेक न्यूज़ की जंग। जहां यूट्यूब के फर्जी चैनल्स युद्ध के नाम पर झूठे वीडियो वायरल कर रहे हैं, वहीं कुछ मुख्यधारा की मीडिया संस्थाएं भी TRP की होड़ में बिना पुष्टि के सनसनीखेज दावे कर रही हैं। यह रिपोर्ट बताती है कि कैसे डिजिटल और टेलीविज़न दोनों प्लेटफॉर्म्स पर फैलाई जा रही हैं ऐसी अफ़वाहें जो हालात को और बिगाड़ सकती हैं।
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1. यूट्यूब पर ‘युद्ध’ की झूठी स्क्रिप्ट:
कई यूट्यूब चैनल्स जैसे “India Vs Pak Live”, “Zee Defence 2.0”, “Pak Real Army” और “War Zone Update” जैसे नामों से वीडियो जारी कर रहे हैं, जिनमें ड्रोन हमलों, मिसाइल फायरिंग और बॉर्डर पर टैंकों की झूठी फुटेज को “ब्रेकिंग न्यूज़” बताकर परोसा जा रहा है। ये वीडियो पुराने क्लिप्स, CGI (कंप्यूटर जनरेटेड इमेज) और AI वॉयस ओवर से तैयार किए गए हैं।
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2. नकली “ब्रेकिंग”: गुमराह करने वाला प्रोपेगैंडा:
इन चैनलों का मकसद सिर्फ व्यूज़ और सब्सक्राइबर्स बटोरना ही नहीं है, बल्कि कई बार यह किसी राजनीतिक या रणनीतिक एजेंडे का हिस्सा भी लगता है। वीडियो टाइटल्स जैसे “इंडिया ने पाकिस्तान को मारा जवाब”, “इमरान खान ने दे दी वार्निंग”, आदि केवल भड़काऊ हैं, जिनका कोई तथ्यात्मक आधार नहीं।
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3. अब पोल खोलिए मुख्यधारा मीडिया की भी:
चौंकाने वाली बात यह है कि फेक न्यूज़ की इस दौड़ में कुछ नामी भारतीय और पाकिस्तानी न्यूज़ चैनल्स भी शामिल हैं।
भारतीय मीडिया में:
Aaj Tak, Zee News, India TV और Republic Bharat जैसे चैनल्स ने बिना किसी आधिकारिक पुष्टि के “भारत ने एयरस्ट्राइक की”, “पाकिस्तान पर जवाबी हमला”, जैसी हेडलाइन्स के साथ रिपोर्ट्स चलाईं। विजुअल्स में ड्रोन उड़ते हुए, धमाके और सैनिकों की मूवमेंट दिखाई गई, जो ज़्यादातर पुरानी या संदिग्ध थीं।
पाकिस्तानी मीडिया में:
ARY News, Bol TV, Dunya News जैसे चैनल्स ने “भारत ने हमला किया – पाक सेना ने दिया जवाब”, जैसी ख़बरें चलाईं, जिनके पीछे कोई ऑफिशियल स्टेटमेंट नहीं था। सोशल मीडिया पर इन क्लिप्स के छोटे हिस्से वायरल होकर और ज़्यादा उकसाने वाले मेसेज बन गए।
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4. बहस या भड़काऊ थियेटर?
कुछ चैनल्स ने युद्ध को लेकर डिबेट शोज़ शुरू कर दिए, जिनमें “क्या अब न्यूक्लियर अटैक होगा?”, “भारत को कितना नुक़सान?”, जैसे सवाल उठाए गए। ये शो ज़िम्मेदारी से ज्यादा, थियेट्रिकल ड्रामा बनते नज़र आए, जिनमें तथ्य कम और उत्तेजना ज़्यादा थी।
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5. सरकारी और स्वतंत्र संस्थाओं की सख्ती:
भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और पाकिस्तान के PEMRA ने ऐसे यूट्यूब चैनलों और मीडिया हाउसेज़ पर कार्रवाई शुरू कर दी है। साथ ही Alt News, BOOM Live, Factly, जैसी फैक्ट-चेकिंग वेबसाइट्स लगातार इन अफ़वाहों का पर्दाफाश कर रही हैं।
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निष्कर्ष:
एक ओर जहां सीमा पर तनाव है, वहीं डिजिटल और टेलीविज़न मीडिया इस तनाव को आग में घी की तरह इस्तेमाल कर रही है। जनता को चाहिए कि वो किसी भी खबर को आंख मूंदकर न माने, बल्कि आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि करे। ये समय जिम्मेदारी दिखाने का है, न कि टीआरपी या व्यूज़ कमाने का।