मुरादाबाद मंडल

मुरादाबाद के डिप्टी कलक्टर घनश्याम वर्मा सस्पेंड:फर्नीचर शोरूम मालिक से 2.68 लाख का फर्नीचर लिया था,

SDM रहते फर्नीचर कारोबारी से 2.67 लाख का सामान लिया था, पेमेंट मांगने पर घर पर बुलडोजर चलवाया था

मुरादाबाद के बिलारी तहसील में तैनात थे घनश्याम वर्मा।

जांच के बाद शासन स्तर पर हुई बड़ी कार्यवाही।

मुरादाबाद में तैनात डिप्टी कलक्टर घनश्याम वर्मा को शासन ने मंगलवार को निलंबित कर दिया है। कमिश्नर आन्जनेय कुमार सिंह ने डिप्टी कलक्टर के निलंबन की पुष्टि की है। घनश्याम वर्मा पर आरोप है कि उन्होंने बिलारी में बतौर एसडीएम तैनाती के दौरान वहां के एक फर्नीचर कारोबारी के शोरूम से 2.67 लाख रुपए का फर्नीचर लिया। जब फर्नीचर कारोबारी ने पेमेंट मांगा तो एसडीएम ने कारोबारी के घर को अवैध बताते हुए बुलडोजर चलवा दिया।

इस मामले में कमिश्नर आन्जनेय कुमार सिंह के आदेश पर एडीएम सुरेंद्र सिंह ने मामले की जांच की थी। जांच में प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने एसडीएम को बिलारी के एसडीएम पद से हटा दिया था।

इस मामले में कमिश्नर ने शासन को रिपोर्ट भेजकर एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की थी। मंगलवार शाम को उन्हें सस्पेंड कर दिया गया।

ADM की जांच रिपोर्ट में हुआ था ये खुलासा

ADM की जांच रिपोर्ट के मुताबिक जिस फर्नीचर कारोबारी के घर पर SDM ने बुलडोजर चलवाया था, वह बिलारी नगर पालिका क्षेत्र में आता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पालिका क्षेत्र में एसडीएम को कब्जा हटवाने के लिए बुलडोजर चलवाने की पावर नहीं है।

यह शक्ति नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी (EO) को दी गई है। लेकिन फर्नीचर कारोबारी को सबक सिखाने के लिए एसडीएम घनश्याम वर्मा इतने उतावले थे कि उन्होंने पालिका की पावर बायपास कर सीधे नोटिस दिया और बुलडोजर भी चलवा दिया।

जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि बिलारी EO का चार्ज भी एसडीएम घनश्याम वर्मा के पास ही था। मगर, उन्होंने नोटिस और ध्वस्तीकरण ऑर्डर बतौर एसडीएम जारी किया, जो अवैध था।

इन बिंदुओं पर दोषी मिले डिप्टी कलक्टर घनश्याम वर्मा

1- बिलारी में संबंधित तालाब की भूमि श्रेणी तीन में काश्तकार के नाम पर दर्ज है। SDM की ड्यूटी थी कि वह तालाब की भूमि से काश्तकार का नाम खारिज करके उसे सरकार के नाम दर्ज करते। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। यह पावर केवल एसडीएम को है।

2- शिकायत करने वाले फर्नीचर कारोबारी जाहिद हसन ने भी तालाब की 19.25 वर्ग मीटर भूमि पर अवैध कब्जा कर रखा है। एसडीएम ने यह कब्जा 84 वर्ग मीटर भूमि पर बताया था। तालाब की जिस भूमि पर फर्नीचर कारोबारी का कब्जा है, वह अभी तक श्रेणी तीन में काश्तकार के नाम पर दर्ज है। यह एसडीएम की लापरवाही है कि उन्होंने तालाब की भूमि से काश्तकार का नाम खारिज नहीं किया।

3- एसडीएम द्वारा जाहिद हसन के शोरूम से 2.67 लाख रुपए का फर्नीचर लेने और पेमेंट नहीं दिए जाने के आरोपों की जांच एक अन्य कमेटी करेगी। जांच के दौरान फर्नीचर कारोबारी और एसडीएम ने अलग-अलग बिल पेश किए हैं। इसलिए इसकी जांच के लिए एक जीएसटी अधिकारी और एक प्रशासनिक अधिकारी की ज्वाइंट टीम गठित करने की सिफारिश की गई है।

फर्नीचर का पेमेंट मांगने पर नाराज हो गए थे एसडीएम

7 जुलाई को बिलारी के फर्नीचर कारोबारी जाहिद हसन ने डीएम से शिकायत की थी कि बिलारी के एसडीएम घनश्याम वर्मा ने उनके शोरूम से 2.67 लाख रुपए का फर्नीचर लेकर पेमेंट नहीं दिया। पेमेंट मांगने पर घर को अवैध बताते हुए उसे गिराने का नोटिस दिया है।

घनश्याम वर्मा की सियासी पकड़ मजबूत है। इसलिए डीएम ने इस शिकायत को ठंडे बस्ते में डाल दिया। 10 जुलाई को जाहिद ने कमिश्नर आन्जनेय सिंह से शिकायत की।

कमिश्नर ने डीएम को एडीएम स्तर से जांच कराने के आदेश दिए। अपने खिलाफ जांच बैठने से खफा एसडीएम ने 12 जुलाई को कारोबारी जाहिद के घर बुलडोजर चलवा दिया।

ADM के मना करने के बावजूद चलवाया था बुलडोजर

ADM प्रशासन सुरेंद्र सिंह को जब एसडीएम पर लगे आरोपों की जांच सौंपी गई, तो उन्होंने एसडीएम को फोन करके कहा था कि मामले में जांच पूरी होने तक कोई एक्शन न लें। एडीएम के मना करने के बावजूद एसडीएम ने 12 जुलाई को बुलडोजर चलवा दिया।

कमिश्नर आन्जनेय की वॉच लिस्ट में थे घनश्याम वर्मा

कमिश्नर आन्जनेय कुमार सिंह पिछले कई महीनों से एसडीएम बिलारी को वॉच कर रहे थे। मार्च में जब एसडीएम ने अपने आवास पर आए फरियादियों के साथ अभद्रता की थी, तभी से वह कमिश्नर की वॉच लिस्ट में थे।

ताजा मामले में अपने खिलाफ जांच बैठने के बावजूद जब एसडीएम ने पावर का मिसयूज करते हुए शिकायतकर्ता का घर गिरवाने के लिए बुलडोजर भेजा तो कमिश्नर नराज हो गए। सूत्रों का कहना है कि कमिश्नर ने इस मामले की एक रिपोर्ट शासन को भेज दी।

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