एसडीएम ने शुरू की कॉलोनी की जाँच, गड़बड़ करने वालो की खड़ी हुई खाट
बिलारी में प्रधानमंत्री आवास योजना की जांच से मचा हड़कंप — एसडीएम की छापेमारी में खुलने लगी भ्रष्टाचार की परतें, अपात्रों की भूमिका पर उठे सवाल

बिलारी (जनपद मुरादाबाद):
प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) को लेकर बिलारी नगर में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियों की परतें खुलने लगी हैं। शासन के निर्देश पर शुरू हुई जांच में राजस्व प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए उन आवेदनों की पड़ताल शुरू की है, जो वर्षों से संदेह के घेरे में थे। शनिवार से लगातार उपजिलाधिकारी (एसडीएम) विनय कुमार सिंह ने नगर में मोर्चा संभालते हुए खुद फील्ड में उतरकर आवेदकों के घर-घर दस्तक दी और मौके पर पात्रता की जांच की।
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इस अप्रत्याशित कार्रवाई ने नगर में हड़कंप मचा दिया है। जहां एक ओर वंचित पात्र लाभार्थियों को न्याय की उम्मीद जागी है, वहीं उन लोगों की नींद उड़ी हुई है जो वर्षों से इस योजना को दलाली और साठगांठ का अड्डा बनाए हुए थे।

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जांच में मिले कई अपात्र, लाभ लेने की कोशिश में थे शामिल
सूत्रों के अनुसार, एसडीएम की शुरुआती जांच में ही कई ऐसे आवेदक मिले जो योजना की पात्रता की श्रेणी में नहीं आते थे, लेकिन फिर भी आवेदन कर लाभ लेने की फिराक में थे। इनमें कुछ को योजना का लाभ पहले ही मिल चुका है, और कुछ को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर योजना में शामिल करने की कोशिश की गई थी।
इन गड़बड़ियों के पीछे डूडा मुरादाबाद के कुछ कर्मचारियों और स्थानीय दलालों की मिलीभगत की आशंका जताई जा रही है। यह संदेह और भी मजबूत तब हुआ जब नगर पालिका से जुड़े सूत्रों ने खुलासा किया कि बीते कुछ वर्षों में सैकड़ों अपात्र आवेदकों को आवास योजना का लाभ मिला, जबकि वास्तविक जरूरतमंद आज भी दर-दर भटक रहे हैं।

3000 से अधिक आवेदनों की जांच — लेखपाल की निष्पक्षता पर भी सवाल
डूडा मुरादाबाद की ओर से बिलारी के करीब 3000 आवेदनों को जांच के लिए तहसील कार्यालय भेजा गया है। इनकी प्रारंभिक जांच नगर लेखपाल के स्तर से की जा रही है, लेकिन इसी जांच में पक्षपात और लापरवाही के आरोप लेखपाल पर भी लगे हैं।

प्रशासन को एक गोपनीय शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसमें लेखपाल की भूमिका पर संदेह जताया गया था। इसी कारण एसडीएम विनय कुमार सिंह ने स्वयं नायब तहसीलदार और अन्य राजस्व अधिकारियों के साथ मिलकर कई मोहल्लों में जाकर आवेदनों की क्रॉस चेकिंग की। उन्होंने आवेदकों से प्रत्यक्ष बातचीत कर दस्तावेजों की स्थिति का अवलोकन किया।

“यह प्रशासनिक गोपनीय जांच है”— एसडीएम
मीडिया से बातचीत में एसडीएम ने कहा,
> “यह एक संवेदनशील और गोपनीय प्रशासनिक जांच है। अभी इसके निष्कर्ष साझा नहीं किए जा सकते। लेकिन हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि योजना का लाभ उन्हीं को मिले, जो इसके वास्तविक हकदार हैं।”
