मुरादाबाद मंडल

कमिश्नर डीएम ने चलाये फावड़े,अरिल नदी पुनर्जीवन अभियान को नई दिशा #SAVE_ARIL

अरिल नदी पुनर्जीवन अभियान को नई दिशा

विश्व पर्यावरण दिवस पर ऐतिहासिक पहल का शुभारंभ

अरिल नदी जिर्णोद्धार कार्यक्रम का फीता काटते मुख्य अतिथि आयुक्त ऑउनजनेय कुमार सिंह, विशिष्ट अतिथि डीएम अनुज कुमार सिंह व अन्य

प्राचीन नदी को संजीवनी देने की शुरुआत

अरील नदी खुदाई के दौरान ली गयी तस्वीर
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर एक नई उम्मीद जगी जब मुरादाबाद, संभल और रामपुर ज़िलों से होकर गुज़रने वाली वर्षों पुरानी अरिल नदी को फिर से जीवंत करने का अभियान ज़मीन पर उतरा। कभी बहती जीवनरेखा मानी जाने वाली यह नदी अब सरकार और प्रशासन की अगुवाई में फिर से धारा बहाने को तैयार है।

 

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 प्रशासनिक नेतृत्व में दिखा ज़मीन से जुड़ाव

कार्यक्रम में मौजूद (दाएं से बाएं) कमिश्नर,डीएम,एसडीएम, सीडीओ
इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बने —
आयुक्त: ओउनजनय कुमार सिंह (IAS)
जिलाधिकारी: अनुज कुमार सिंह (IAS)
मुख्य विकास अधिकारी: मृणालि अविनाश जोशी (IAS)
एसडीएम: विनय कुमार सिंह
ब्लॉक प्रमुख: नग़मा जीलानी

कमिश्नर ने कहा – ‘अब नदी की सांसें लौटेंगी’

आयुक्त ऑउनजनेय कुमार सिंह
आयुक्त ओउनजनय कुमार सिंह ने समाजसेवी नोमान जमाल से संवाद में कहा कि
“मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में राज्यभर की मृतप्राय नदियों को खोजकर उन्हें पुनः प्रवाहित करने का अभियान चल रहा है। अरिल नदी पर बीते तीन वर्षों में हमने चरणबद्ध तरीके से काम किया, और अब उसका प्रत्यक्ष परिणाम सामने है।”

डीएम अनुज कुमार सिंह – ‘नदी को तलाशना चुनौतीपूर्ण था’

डीएम अनुज कुमार सिंह
“जब तय हुआ कि एक नदी को मॉडल के तौर पर पुनर्जीवित करना है, तो हमने अरिल को चुना। इस नदी का अस्तित्व चिन्हित करना अपने आप में सबसे कठिन कार्य था, जिसे हमारी टीम ने बखूबी अंजाम दिया। यह नदी अब जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण की मिसाल बनेगी।”

जब अफसरों ने खुद थामा फावड़ा

फावड़ा चलाकर अरिल नदी खोदते कमिश्नर व अन्य

फावड़ा चलाकर अरिल नदी खोदते एसडीएम व अन्य

इस पूरे कार्यक्रम का सबसे जीवंत पल तब आया, जब कमिश्नर, डीएम, सीडीओ, एसडीएम समेत सभी वरिष्ठ अधिकारी खुद फावड़ा उठाकर खुदाई में शामिल हुए। मिट्टी हटाते इन हाथों में केवल कर्तव्य नहीं, एक वादा था – प्रकृति को उसका हक़ लौटाने का। यह दृश्य लोगों के लिए प्रेरणा बन गया।

 

हरियाली का वचन – पौधारोपण भी हुआ

पौधारोपड़ करते कमिश्नर,डीएम,एसडीएम व अन्य
कार्यक्रम के अंतर्गत नदी के किनारे पौधारोपण भी किया गया, ताकि सिर्फ पानी नहीं, हरियाली भी लौटे। यह पूरी पहल न केवल एक नदी को जीवंत करने का प्रयास है, बल्कि एक पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को पुनः स्थापित करने की सोच का हिस्सा है।

जनभागीदारी ने बढ़ाया उत्साह

कार्यक्रम में जनभागीदारी करते ग्रामवासी व अन्य
इस अवसर पर मौजूद रहे:
तहसीलदार, बीडीओ, लेखपाल
वन विभाग से सीओ एवं रेंजर
एनजीओ संचालक और सामाजिक कार्यकर्ता नोमान जमाल
स्थानीय ग्रामीण, युवा, विद्यार्थी और एनएसएस स्वयंसेवक

स्वागत और सम्मान में दिखा उत्साह

अतिथियों का स्वागत
कार्यक्रम की शुरुआत विशिष्ट अतिथियों के स्वागत से हुई, जिन्हें स्मृति चिह्न और गुलदस्ते भेंट किए गए। मगर स्वागत के औपचारिक दायरे से बाहर निकलते हुए इन अतिथियों ने अपनी उपस्थिति को कार्य रूप में तब्दील कर दिया।
अरिल में फिर बहेगा जीवन
करीब 42 किलोमीटर लंबी अरिल नदी को मानसून से पहले पूरी तरह से खोदने का कार्य तेज़ी से चल रहा है। उम्मीद जताई गई है कि इस वर्ष वर्षा के साथ-साथ नदी में भी जीवन की धार बहेगी — जो न सिर्फ़ खेती के लिए वरदान होगी बल्कि पर्यावरण के लिए भी एक नई रोशनी।

रिपोर्ट- नोमान जमाल

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