खेल जगत

क्रिकेटर रिंकू सिंह के BSA बनने पर हो रहे विरोध की सामने आयी असली वजह

भारतीय क्रिकेटर रिंकू सिंह को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) के पद पर नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। यह नियुक्ति खिलाड़ियों के लिए बनाई गई “अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता सीधी भर्ती नियमावली–2022” के तहत की जा रही है। हालांकि, सोशल मीडिया पर इस पर तीव्र विरोध देखने को मिल रहा है क्योंकि रिंकू सिंह की शैक्षिक योग्यता केवल आठवीं पास है। ऐसे में एक शिक्षा अधिकारी के पद पर कम पढ़े-लिखे व्यक्ति की नियुक्ति को लेकर बहस छिड़ गई है। एक तरफ इसे खिलाड़ियों को सम्मान देने की पहल बताया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर योग्यता और शिक्षा व्यवस्था की गंभीरता पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
Rinku Singh Indian Cricketer AI Image
Rinku Singh Indian Cricketer AI Image

1. नियुक्ति का आधार और आदेश

नियमावली: यूपी सरकार ने “International Medal Winner Direct Recruitment Rules‑2022” के अंतर्गत उन्हें BSA के पद पर नियुक्त करने की प्रक्रिया आरंभ की है।
आधिकारिक आदेश: बेसिक शिक्षा निदेशालय द्वारा नियुक्ति के लिए पत्र जारी किया गया है।
शैक्षिक योग्यता: रिंकू सिंह आठवीं पास हैं। उन्होंने 9वीं कक्षा में फेल होने के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी और क्रिकेट को अपना करियर बनाया।

2. सोशल मीडिया और जनसाधारण की प्रतिक्रिया

सोशल मीडिया विरोध:
कई यूज़र्स ने सवाल उठाया है कि एक शिक्षा विभाग में ऐसे व्यक्ति को अधिकारी कैसे बनाया जा सकता है, जो खुद हाईस्कूल तक भी नहीं पहुंच सका।
इसे योग्य और पढ़े-लिखे उम्मीदवारों के साथ अन्याय बताया जा रहा है।
समर्थन:
कुछ लोग मानते हैं कि यह सम्मान है उन खिलाड़ियों के लिए जो देश के लिए नाम रोशन करते हैं।
रिंकू की संघर्षपूर्ण कहानी और क्रिकेट में सफलता को प्रेरणास्रोत बताया गया।

3. प्रशासनिक और राजनीतिक दृष्टिकोण

सरकार का पक्ष:
राज्य सरकार इसे ‘खेल प्रतिभा को सम्मान’ और खिलाड़ियों के योगदान को मान्यता देने की नीति के तहत देख रही है।
विपक्ष की आलोचना:
विपक्ष और कई शिक्षा विशेषज्ञों ने इस पर नाराज़गी जताते हुए इसे योग्यता के साथ खिलवाड़ बताया।
राजनीतिक चर्चा:
रिंकू सिंह की हाल ही में समाजवादी पार्टी सांसद प्रिया सरोज से सगाई हुई है, जिससे यह मामला और राजनीतिक रंग लेने लगा है।

संपादकीय सुझाव

शिक्षा पदों पर योग्यता अनिवार्य होनी चाहिए
खेल प्रतिभा को सम्मान मिलना चाहिए लेकिन पद की प्रकृति अनुसार जिम्मेदारी भी देखी जाए
सरकार को स्पष्ट संवाद और पारदर्शिता बनाए रखनी चाहिए

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