राम की पौड़ी पर पति पत्नी ने चुम्बन लिया जिस पर वहाँ उन्हें पीटा गया जिसपर कविता कृष्णन की वायरल पोस्ट देखिये।
इस पति-पत्नी ने अयोध्या की राम की पौडी में चुम्बन लिया तो पब्लिक ने उनकी पिटाई कार दी. अगर ये शादी शुदा न होते, या अगर पुरुष दलित या मुसलमान होते, या अगर ये समलैंगिक होते तो शायद पब्लिक उनकी हत्या कर देती.
रामायण की प्रेरणा वाल्मीकि को तब मिली जब क्रौंच जोड़ी के मिलन के दौरान शिकारी द्वारा नर के मारे जाने पर उनके मुँह से दुनिया का पहला श्लोक निकला:
मा निषाद प्रतिष्ठां त्वंगमः शाश्वतीः समाः।
यत्क्रौंचमिथुनादेकं वधीः काममोहितम्॥
(अर्थ : हे दुष्ट, तुमने प्रेम मे मग्न क्रौंच पक्षी को मारा है। जा तुझे कभी भी प्रतिष्ठा की प्राप्ति नहीं हो पायेगी और तुझे भी वियोग झेलना पड़ेगा।)
वाल्मीकि रामायण में भरत जब अयोध्या लौटते हैं तो कहते हैं कि अयोध्या के उद्यानों को प्रेमियों ने क्यों त्याग दिया है, उद्यानों को ऐसा देख कर अयोध्या शहर ही जंगल जैसा लगने लगता है:
तानि अद्य अनुरुदन्ति इव परित्यक्तानि कामिभिः ||
अरण्य भूता इव पुरी सारथे प्रतिभाति मे |
किसी भी अच्छे समाज में (और वाल्मीकि के अयोध्या में भी) आम (पब्लिक) जगहों में प्रेमियों के होने और प्रेम जताने का स्वागत किया जाता है.
यह पोस्ट भारत के उन सारे प्रेमी जुगलों के साथ साझीदारी में, जिनके प्रेम को नफ़रत और हिंसा का सामना करना पड़ता है. हमारे समाज में प्रेम के प्रति इतनी नफ़रत और हिंसा है, (जाति व्यवस्था भी इसी हिंसा पर टिकी हुई है), शायद इसलिए इसने एक नफ़रत और हिंसा-भरी राजनीति को जन्म दिया.