55 साल की उम्र में बुजुर्ग ने कबाड़ से बनाया बैटरी युक्त प्रोजेक्टर / BILARI / LETEST NEWS/ KAMALUDDIN KHAN/
बेहद गरीब हैं कमालुद्दीन एक ही कमरे में रहता है 9 लोगों का परिवार
बिलारी- कहते हैं कि उम्र और दौलत से कुछ नहीं होता परवाज़ हौसलों से किया जाता है ऐसा ही हौसला देखने को मिला है जिला मुरादाबाद के बिलारी में यहां नगर के थिएटर आरके पैलेस के पीछे बने एक छोटे से कमरे में अपनी जिंदगी का गुजर-बसर करने वाले 55 साल की उम्र के कमालुद्दीन खान ने एक अजूबा कर दिखाया है करीब 4 महीनों की मेहनत से पुराने मोबाइल, टॉर्च, लाइट, बैटरी, कार्डबोर्ड, व अन्य कबाड़ से मोबाइल की बैटरी से चलने वाला एक प्रोजेक्टर बना दिया है इस प्रोजेक्टर की विशेषता यह है कि यह बिना बिजली के चलता है इसमें मोबाइल की एक बैटरी लगी है जिसके चार्ज करने के उपरांत यह करीब 3 घंटे तक स्क्रीन पर गाने फिल्म इत्यादि ठीक वैसे ही दिखाता है जैसे बड़े पर्दे पर फिल्म चलती हो कमालुद्दीन खान के लगभग 2 फीट साइज के बने इस प्रोजेक्टर में एक्स्ट्रा साउंड के लिए स्पीकर भी लगाए हैं जिनमें बेहतर साउंड निकलकर इस प्रोजेक्टर की खूबी बढ़ाती है
सिनेमाघर बना प्रोजेक्टर का प्रेरणा स्त्रोत
कमालुद्दीन खान कहते हैं कि प्रोजेक्टर बनाने के पीछे उनकी पुरानी नौकरी और सिनेमा का शौक है उन्होंने बताया कि वह पहले सिनेमाघर में रील प्रोजेक्टर चलाते थे जहां से उन्हें असली प्रोजेक्टर की पूरी जानकारी मिली, फिर उन्होंने सोचा कि बैटरी से संचालित होने वाला हूं प्रोजेक्टर बनाया जाए और ऐसा उन्होंने कर दिखाया।
सिनेमाघर में चौकीदारी कर चलाते हैं घर का खर्च
बात करने पर पता चला कि कमालुद्दीन खान नगर के थिएटर में चौकीदारी करके घर परिवार का लालन पालन करते हैं जिसमें बेहद सीमित संसाधन और राशन पानी का की जुगाड़ कर पाते हैं बताया कि दो वक्त की रोटी भी मुश्किल से हो पाती है
नहीं है अपना कोई मकान प्रयास करने पर भी नहीं मिला कोई सरकारी आवास
प्रोजेक्टर बनाने वाले इस बुजुर्ग का जीवन काफी गरीबी में कटा है पहले यह सिनेमाघर में रील प्रोजेक्टर को ऑपरेट करते थे पूर्व में भी इनके पास कोई मकान नहीं था जीवन में इतना नहीं कमा पाए कि अपना मकान बना लेते अभी भी आरके पैलेस में मौजूद एक बहुत ही मामूली से कमरे में परिवार के 9 सदस्यों के साथ जीवन व्यतीत करते हैं।