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“एक डायन” जो औरतों के शरीर में घुसकर गर्भ में ठहरे हुए बच्चों को खा जाती है,

एक डायन जो औरतों के शरीर में घुसकर गर्भ में मौजूद उनके बच्चों को खा जाती थी

लाजो देवी (कथित डायन)

राजस्थान: शाम का वक्त था मैं अपने जानवरों कि सानी कर रही थी इतने में ही गांव का एक आदमी आया और मेरे बाल खींच कर मुझे मारने लगा ओर मारते वक्त चीख-चीख़ कर कह रहा था कि मेरी लुगाई के शरीर में से निकल जा मैं दर्द से चीख रही थी चिल्ला रही थी पर कोई मेरी नहीं सुन रहा था। उस दिन तो मैं कैसे भी करके बच गई पर मुझे अपना गांव छोड़ना पड़ा जहां मैंने शादी के बाद अपनी ज़िंदगी के 50 साल गुजारे, अब मैं वहां के लोगों के लिए एक डायन हूं जो लुगाइयों के शरीर में घुस जाती है और बच्चों को खा जाती है और लोगों के खेत सुखा देती है,

लाजो देवी लगभग 65 साल की है उनकी सुनी और डगमगाए आंखें उनके जीवन की सबसे बड़ी तकलीफ बयान कर रहे हैं जिस औरत ने जहां अपनी पूरी जिंदगी बिताई हो वहां आखिरी दिनों में एक ऐसा दाग मिला जिसकी वजह से उसे बुढ़ापे में सबसे दूर होना पड़ा यह घटना राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के उलेला गांव की है जहां साल भर पहले लाजो देवी पर डायन होने का आरोप लगा और उसके बाद उसके जीवन में सब कुछ बदल गया।

ज़िला भीलवाड़ा, ग्राम उलेल – राजस्थान

धीरे धीरे लाजो देवी के घर पर अचार पापड़ सुखाने वाली महिलाओं ने आना जाना कम कर दिया तीज त्यौहार फीके हो गए लेकिन इन सब से भी बड़ा था जान का ख़तरा जो हर वक्त लाजो देवी के सर पर मंडरा रहा था यही वजह है की लाजो देवी को गांव छोड़कर बूंदी जिले में अपने बेटी और जमाई के घर रहना पड़ रहा है

इस स्टोरी पर काम करने वाली भास्कर समूह की टीम जब दिल्ली से उदयपुर होते हुए करीब 13 सौ किलोमीटर का सफर तय करके उस ठिकाने पर पहुंची जिसे “तालाब” गांव कहते हैं। लगभग 500 मकानों वाले इस गांव में टीम की गाड़ी को घुसता देख लोग चौकन्ने हो गए। गांव के लोग घबराए हुए से दिख रहे थे, उनमें से कुछ लोगों को लग रहा था कि यह “बिजली विभाग” वालों की टीम है तो कुछ ने कहना शुरू किया कि वापस लौट जाओ रास्ता काफी खराब है टीम नीचे उतर कर झाड़ झंकार हटाते हुए आगे की तरफ बढ़ी यह रुकावटें गांव वाले ही डालते हैं जिससे बिजली विभाग की टीम उनकी बिजली चोरी को ना पकड़ सके!

डायन कही जाने वाली लाजो देवी का घर गांव से बाहर खेतों के बीच है कजरी मकान के आसपास 1 किलोमीटर दूर तक कोई मकान नहीं है जब उनके बेटे “मुकेश” से बात की तो उन्होंने कहा कि मैंने सोच समझ कर अपनी मां को यहां छोड़ा है क्योंकि यहां ना वह लोगों के बीच रहेगी और ना ही अफवाह फैलेंगी, एक बार जब कोई लुगाई डायन कहलाने लगी तो मरते वक्त तक वो डायन ही रहती है उसके शरीर का जख्म तो भर जाएगा पर डायन शब्द सदैव उसके पीछे ही रहेगा और फिर जान का भी डर है एक बार मारने की कोशिश हुई है कहीं अगली बार मार ही ना दें

लाजो यह बताइए हुआ क्या था?

कुआँ- जहाँ लाजो देवी को फैंका गया,

शाम के वक्त पड़ोसी घर आया था वह बहुत गुस्से में था और मुझे डायन डायन चिल्ला रहा था, फिर मैंने कहा की मैं डायन नहीं हूं मेरे तो बाल बच्चे हैं नाती पोते हैं पर वह नहीं माना, उसने मेरे बाल पकड़कर खींचे और मुझे बुरी तरह पीटने लगा वह चाहता था कि मैं खुद को डायन मान लूं और उसकी लुगाई के जिस्म से बाहर निकल जाऊं बार-बार मेरे मना करने पर भी वह नहीं माना और बेहद भड़क गया इतना ही नहीं वह खींचते हुए मुझे कच्चे कुएं तक ले गया और फिर कुए में धक्का दे दिया।

डर से इस कुऍ के आसपास कोई आता जाता नही है, जिस कारण यहाँ झाड़ झंकार उग आए हैं।

गिरते हुए लाजो देवी ने अपने एक हाथ से कुए का पाइप पकड़ लिया गांव वालों ने बुजुर्ग लाजो देवी को बचा तो लिया लेकिन डायन के उस लकब से नहीं बचा सके यह घटनाक्रम 5 अक्टूबर 2021 को घटा था जब लाजो देवी को कुएं से निकाला तब की वीडियो भी वायरल हुई थी पर सबसे ज्यादा फेलने वाली बात यह थी की डोकरी यानी लाजो के पास शैतानी ताकते हैं और वह अपनी इच्छाओं को पूर्ण करने के लिए जवान औरतों के शरीर में चली जाती है और अपनी मांगों को पूरा करती है।

लाजो का बाया हाथ अब बेकार हो चुका है वह अपने सारे काम दाएं हाथ से ही कर पाती है।

लाजो देवी से बातचीत के समय उसकी बेटी मुन्नी बैठी थी अपने दूध मोहे बच्चे की हवा करते हुए बताती है कि लोग तो उसे भी डायन ही कहते थे क्योंकि शादी के 20 साल तक उसका कोई बच्चा नहीं हुआ और लोग उसे भी डरने लगे औरतें मेरे पास नहीं आती थी कि मैं उन्हें कुछ कर दूंगी हद तो यह है कि उसकी सास भी जादू टोने के डर से उससे बचने लगी,

मैंने भी डायन का दंश 20 साल झेला है और मेरा भी कहीं कोई खास आना जाना नहीं है।

मुन्नी (बेटी लाजो देवी)

दरअसल वहां लाजो देवी के बेटे मुकेश को ही हिंदी आती थी और वह सब की बातों को बारी बारी टीम को हिंदी में बता रहे थे आखिर में उन्होंने बोला की- मां को लगभग मार ही दिया गया था अब यहां जैसे भी है बस जिंदा है वैसे वो अकेली नहीं है, डायन का अंधविश्वास पूरे जिले में फैला हुआ है औरत अकेली, हो बूढ़ी हो या उसके बाल बच्चे ना हो तो पड़ोसी शक करने लग जाते हैं कोई बीमार हो जाए या गाय का दूध सूख जाए तब लोग ऐसी औरतों को घेर कर मारने लगते हैं।

मुकेश (बेटा-लाजो देवी)

हालांकि देश में डायन प्रथा के खिलाफ सख्त कानून बना हुआ है पर इसके बावजूद भीलवाड़ा मैं इस तरह की घटनाएं होती रहती है नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक अकेले इसी जिले में साल 2015 में डायन के शक में जान से मारने के लगभग 25 मामले सामने आए हैं वही देशभर में साल 2000 से 2016 के बीच 2500 से ज्यादा औरतों की जान डायन बताकर ले ली गई है इन सभी औरतों के आस पड़ोसियों को शक था कि वह अपनी शैतानी ताकत से उनका नुकसान कर रही है, बांसवाड़ा और उदयपुर में भी डायन के शक में औरतों का इलाज किया जाता है।
आमतौर पर पुरुष कथित तौर पर डायन मानी गई औरतों का इलाज करते हैं जिन्हें भोपा कहते हैं प्रत्येक शनिवार को यह भोपा अपनी दुकान सजा कर बैठ जाते हैं,और शक वाली औरतों को गर्म लोहे से दाग देते हैं बाल खींचते हैं मारते हैं और कहते हैं इस प्रताड़ना से ही इन महिलाओं के शरीर से डायन बाहर निकलेगी।

गांव में लोगों से बात करने पर पता चला कि वहां आसपास डायन होने की अफवाह भयंकर रूप से फैल चुकी है लोगों ने पुष्टि करते हुए कहा कि अभी भी गांव के आसपास लगभग 10 डायन मौजूद है पूछने पर उन्होंने बताया की पास ही एक हनुमान मंदिर है यहां प्रत्येक मंगलवार को ऐसी औरतें वहां जाती हैं और जाते ही उनके हाव-भाव बदल जाते हैं जोर से चीखती हैं चिल्लाती है जिन्हें देखकर डर लगता है और समझ आ जाता है कि यही डायन है जिनकी इच्छाएं अजीब होती है

कहने का मतलब साफ है कि जिस भारत को डिजिटल इंडिया बनाने की कवायद सरकारें चला रही हैं जिसे विकसित करने का प्रयास सरकारें कर रही है वहां अभी भी ऐसे लोग मौजूद है जो डायन होने के शक भर में लाचार कमज़ोर महिलाओं की जान ले लेते हैं और जो बच जाती है उन्हें जीवन भर डायन होने का दंश झेलना पड़ता है-
इस घटना की अत्यधिक जानकारी भास्कर समूह से ली गयी है।

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