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Factum IND-PAK War Update- भारत-पाकिस्तान युद्धविराम 2025: क्या वास्तव में उल्लंघन हुआ?

भारत-पाकिस्तान युद्धविराम 2025: क्या वास्तव में उल्लंघन हुआ?

ड्रोन हमलों की प्रतीकात्मक फ़ोटो gettyimages-

पृष्ठभूमि: युद्धविराम की घोषणा

10 मई 2025 को, भारत और पाकिस्तान ने अमेरिका की मध्यस्थता से एक “पूर्ण और तात्कालिक युद्धविराम” (Total & Immediate Ceasefire) की घोषणा की थी।

इसकी पुष्टि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने की और इसे एक “ब्रेकथ्रू” बताया।

स्रोत: HuffPost

फैक्ट 1: क्या सीमा पर फिर गोलीबारी हुई है?

हाँ, युद्धविराम की घोषणा के बाद भी LoC (नियंत्रण रेखा) और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सीमित गोलीबारी की घटनाएं हुई हैं:

LoC के पास कुपवाड़ा, पुंछ, राजौरी, और सुंदरबनी सेक्टरों से छोटी गोलीबारी और मोर्टार फायरिंग की पुष्टि हुई है।

भारतीय सेना ने इसे “अकारण गोलीबारी” बताया और “संतुलित जवाब” देने की बात कही।

स्रोत: Wikipedia Skirmishes 2025

फैक्ट 2: क्या सिंधु जल संधि भी युद्धविराम का हिस्सा थी?

नहीं, भारत ने युद्धविराम के बावजूद सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है:

यह संधि 1960 में हुई थी और सिंधु नदी के पानी के बंटवारे को तय करती है।

भारत ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने हिंदू तीर्थयात्रियों पर हमला किया, जिसके बाद यह कदम उठाया गया।

जल संधि निलंबन से पाकिस्तान में राजनीतिक तनाव और बढ़ा।

स्रोत: Reuters – 10 मई 2025

फैक्ट 3: क्या डिप्लोमैटिक बातचीत जारी है?

हाँ, दोनों देशों के डीजीएमओ (DGMO) अधिकारियों की अगली बैठक 12 मई 2025 को निर्धारित है, जहां वे फायरिंग की घटनाओं पर चर्चा करेंगे।

भारत ने स्पष्ट किया है कि “अगर पाकिस्तान गोलीबारी नहीं करेगा, तो हम भी नहीं करेंगे।”

पाकिस्तान की ओर से भी अभी तक कोई बड़ा जवाबी हमला नहीं किया गया है।

स्रोत: Business Today

निष्कर्ष: क्या युद्धविराम खतरे में है?

तकनीकी रूप से युद्धविराम अभी लागू है, पर सीमा पर छिटपुट फायरिंग इसे अस्थिर कर सकती है।

सिंधु जल संधि का निलंबन और राजनीतिक बयानबाज़ी तनाव को फिर भड़का सकती है।

फिलहाल, दोनों पक्ष बातचीत से समाधान की कोशिश में लगे हैं।

 

क्या आगे युद्ध का खतरा है?

फिलहाल नहीं, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय दबाव और अमेरिका की मध्यस्थता से दोनों देश बातचीत की मेज़ पर बने हुए हैं। लेकिन अगर फायरिंग और आतंकवादी घटनाएं जारी रहीं, तो युद्धविराम टूट भी सकता है।

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