FACTUM: मरा नहीं ज़िन्दा हूँ साहब,गिड़गिड़ाते किसान की नही हो रही सुनवाई | LETEST NEW
किसान को भूमि अभिलेखों में दर्ज किया मृत
- किसान ने तहसीलदार से मिलकर जिंदा होने का दिया प्रमाण
- अभी तक नहीं हो पाई कोई कार्यवाही
बिलारी। तहसील क्षेत्र के गांव गुरेर निवासी ग्रामीण ने तहसीलदार को शिकायत पत्र देकर कहा है कि मैं जिंदा हूं। कहा कि चार वर्ष पहले मुझे मृत दिखाकर दूसरे समुदाय के दो लोगों ने लेखपाल की मिलीभगत से वारिसान भूमि दर्ज कराली है। गन्ना के सट्टे के नवीनीकरण के लिए उसने फरद निकलवाई तो पता चला, जिसकी शिकायत तहसीलदार से की है लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है।
गुरेर गांव निवासी पीड़ित सुखा पुत्र कल्लू और उसके दामाद शिफ्ते ने तहसीलदार से मिलकर कहा है कि गांव के ही रामेश्वर, हरभजन पुत्र स्वर्गीय सुखा लीलावती ने 14 अगस्त वर्ष 2018 में उसे गाटा संख्या 772 की भूमि में सूखा को मृत दिखाकर लेखपाल की मिलीभगत से वारिसान में दोनों भाईयों के नाम दर्ज करा लिए हैं जबकी वह मुस्लिम है और यह दूसरे समुदाय के लोग हैं। सुखा ने तहसीलदार के समक्ष पेश होकर कहा कि वह जिंदा है और उसके साथ में यह बरताव किया जा रहा है और उनके परिवार को जान से मारने की धम्मकी दे रहे हैं कि जमीन पर हम कब्जा करेंगे। जमीन के पास मत आना जबकि सुखा के गन्ने की फसल खेत में खड़ी है, लगभाग 1 एकड़ जमीन का मामला चिंता का विषय है इसे लेकर तहसीलदार सारा अशरफ खान ने कहा कि मामला कोर्ट में है 25 अक्टूबर को तहसील न्यायालय में तारीख लगी हुई है और जांच चल रही है जो दोषी पाया जाएगा उस पर कार्रवायी की जाएगी।