फ़िल्मी दुनियाँ

“रिया” किराने के साथ गांजे का भी बजट बनाती थीं

25-25 ग्राम के पैकेट खरीदती थीं, सुशांत ही नहीं, भाई शोविक के लिए भी ड्रग्स खरीदी

सुशांत सिंह राजपूत की मौत के 760 दिन बाद नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने बुधवार को 286 पेज की ड्राफ्ट चार्जशीट NDPS कोर्ट में दायर की। 237 पेज में 33 आरोपियों के डीटेल्ड बयान हैं। 49 पेज में आरोपी नंबर 10 यानी रिया, आरोपी नंबर 7 यानी उनके भाई शोविक समेत बाकी आरोपियों का रोल बताया गया है।

NCB ने 6,272 पेज के डिजिटल एविडेंस, 2,226 पेज के बैंक डॉक्यूमेंट और मोबाइल नंबरों की एक सीडी भी जमा कराई गई है। 2,960 डॉक्यूमेंट सबूत के तौर पर जमा किए गए हैं।

सुशांत डेथ केस में 708 दिन बाद भी CBI के हाथ कुछ नहीं लगा, लेकिन अभी फाइल क्लोज नहीं की।

 

49 पेज की रिपोर्ट में 32 बार रिया का नाम

NCB की 49 पेज की रिपोर्ट में रिया का नाम 32 बार लिखा गया है। पॉइंट नंबर 11 में लिखा गया है कि शोविक, सैमुअल को दीपेश के खुलासे के बाद और रिया को 6, 7, 8 सितंबर 2020 को पूछताछ के लिए बुलाया गया। ड्रग्स केस में उनके इन्वॉलमेंट के सबूत मिले। इसी आधार पर उन्हें 8 सितंबर 2020 को गिरफ्तार किया गया। अभी वो जमानत पर बाहर हैं।

10 हजार में 5 ग्राम गांजा खरीदा था

पाॅइंट नंबर 53 में लिखा है कि सुशांत के कहने पर 17 मार्च को रिया के ATM कार्ड का इस्तेमाल कर उसके मैनेजर सैमुअल मिरांडा ने 10 हजार रुपए में जैद विलात्रा नाम के पैडलर से 5 ग्राम गांजा खरीदा था।

रिया और शोविक ने दीपेश सावंत को 7 हजार रुपए देकर कैजान इब्राहिम से चरस/हशीश लेने के लिए कहा था।

पॉइंट नंबर 63 में लिखा है कि 17 अप्रैल 2020 को रिया चक्रवर्ती और शोविक ने दीपेश सावंत को कैजान इब्राहिम से चरस और गांजा रिसीव करने के ऑर्डर दिए। माउंट ब्लेंक बिल्डिंग के पास ही शाम को डिलवरी हुई। दीपेश ने कैजान को 7 हजार रुपए दिए। उसे यह पैसे रिया ने दिए थे। दीपेश सावंत को किराना और गांजा खरीद के लिए रिया अलग से पेमेंट करती थीं।

 

ड्रग्स खरीदने से पहले भाई शोविक, सैमुअल, दीपेश सावंत के साथ मीटिंग करती थीं, रिया।

 

25-25 ग्राम के दो पैकेट खरीदे

पॉइंट नंबर 64 में लिखा है कि रिया ने दीपेश सावंत को 10,000 रुपए दिए, यह पैसे सावंत ने माउंट ब्लैंक बिल्डिंग के बाहर ड्वेन फर्नांडीस को दिए थे और उससे 25-25 ग्राम गांजे के दो पैकेट खरीदे थे। रिया ने इसमें एक पैकेट शोविक के लिए खरीदा था।

पॉइंट नंबर 78 में लिखा है कि रिया ड्रग्स के फाइनेंस से लेकर उसके मैनेजमेंट का पूरा काम करती थीं। 16 मार्च को रिया चक्रवर्ती ने सुशांत सिंह राजपूत के लिए ड्रग्स खरीदने से पहले अपने भाई शोविक, सैमुअल, दीपेश सावंत और अन्य के साथ एक मीटिंग (NCB ने इसे साजिश का नाम दिया है) की थी।

सभी ने ड्रग्स खरीदने से पहले इसकी कीमत, भुगतान और डिलीवरी के तरीके पर चर्चा की थी। इसी पॉइंट में इस बात का भी जिक्र है कि रिया ने दीपेश सावंत को 7 हजार रुपए ग्रॉसरी और गांजा लाने के लिए दिए थे।

ड्रग्स के इस्तेमाल के लिए रिया ने सुशांत को अपना घर दिया

पॉइंट नंबर 79 में लिखा है कि नवंबर 2019 के आखिरी हफ्ते में रिया और शोविक की सहमति से उनके घर पर ड्रग्स की डिलीवरी की गई। रिया ने सुशांत को ड्रग्स इस्तेमाल करने के लिए अपना घर दिया था।

NCB के मुताबिक, यह NDPS एक्ट का उल्लंघन है। NCB ने आरोप लगाए हैं कि रिया ने अपने घर पर ड्रग्स की डिलीवरी ली थी। उन्होंने अपने घर पर ड्रग्स स्टोर किया। ड्रग्स के लिए पैसे दिए। इससे ये साबित होता है कि रिया ड्रग डीलिंग में एक्टिव थीं और उनके भाई ने इस काम में पूरी मदद की थी।

दीपेश ड्रग्स को शोविक या रिया को देता था इन्ही में से कोई सुशांत तक पहुंचाता था।

 

5 लोगों के जरिए सुशांत तक पहुंचती थी ड्रग्स

पॉइंट नंबर 81 में NCB ने यह बताया है कि किस तरह से रिया चक्रवर्ती ही इस पूरे खेल को ऑपरेट कर रहीं थीं। इसमें NCB ने एक फ्लो चार्ट बनाया है। जिसमें रिया को बीच में रखते हुए उनकी चैट, बैंक अकाउंट और ट्रांजैक्शन को दिखाया है। रिया जिस मोबाइल नंबर का इस्तेमाल कर रही थीं, उसे भी शो किया गया है।

पॉइंट नंबर 132 में लिखा है कि सुशांत के पास ड्रग्स पांच लोगों से होते हुए पहुंचती थी। सबसे पहले ड्रग पैडलर अनुज केसवानी, कैजान इब्राहिम तक इसे पहुंचाता था। इसके बाद यह सुशांत के हाउस वर्कर दीपेश सावंत तक पहुंचती थी। दीपेश से शोविक या रिया तक और रिया के जरिए सुशांत तक पहुंचती थी।

3 बड़ी एजेंसियों में NCB पहली, जो चार्जशीट की स्टेज तक पहुंची

NCB ऐसी पहली एजेंसी बन गई है, जो सुशांत की मौत के मामले में चार्जशीट तक पहुंच पाई है। CBI ने इस केस में 6 अगस्त 2020 को केस रजिस्टर किया था। उसे जांच करते हुए 708 दिन हो चुके हैं, लेकिन एजेंसी के हाथ अब तक कुछ नहीं लगा है। ED को भी कुछ नहीं मिला।

इन तीनों एजेंसी के अलावा मुंबई और बिहार पुलिस ने भी इस मामले में जांच की थी। मुंबई पुलिस ने सुशांत की मौत को सुसाइड बताया है। बिहार पुलिस का कहना था कि हमें मुंबई पुलिस ने जांच ही नहीं करने दी।

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