शायरी June 29, 2022 FactumNews मुरस्सा ग़ज़ल नज़ीर नज़र साहिब, ग्वालियर पैकर-ए-वक़्त में ढलने नहीं देता है बदन अब किसी शय प मचलने नहीं देता है बदन ख़्वाब की आंच प Read More