बिलारी नगर से एक सौहार्दपूर्ण और अनुशासित त्योहार की तस्वीर सामने आई है, जहां ईद-उल-अज़हा की नमाज़ पूरी शांति और धार्मिक उल्लास के साथ अदा की गई। हजारों की तादाद में मुस्लिम समुदाय के लोग नए कपड़ों में सजे-धजे सुबह से ही मस्जिदों और ईदगाह की ओर रुख करते नज़र आए। आइए जानते हैं कैसे बिलारी ने इस बार फ़िर ईद-उल-अज़हा को एक मिसाल बना दिया:
ईदगाह पर नमाज़ अदा करते मुस्लिम
सुबह की रौशनी में ईद की रौनक
नगर की अधिकांश मस्जिदों में ईद-उल-अज़हा की नमाज़ का आयोजन सुबह 7:00 से 7:30 बजे के बीच कर लिया गया था। लेकिन बिलारी की परंपरागत ईदगाह में नमाज़ का विशेष आयोजन 8:00 बजे के बाद संपन्न हुआ।
ईदगाह पर नमाज़ पढ़ने के लिए भारी संख्या में लोग उमड़े — बच्चे, बुज़ुर्ग, युवा सभी सफेद कपड़ों में अल्लाह की बारगाह में सज्दा करने पहुँचे। पूरा माहौल ‘अल्लाहु अकबर’ की सदाओं से गूंज उठा।
बिलारी नगर में अब तक नए शहर इमाम का चयन नहीं हो पाया है, लेकिन बीते वर्षों की तरह इस बार भी जामा मस्जिद के इमाम मुफ्ती हामिद अली नईमी ने ईदगाह में ईद की नमाज़ अदा कराई। उन्होंने खुतबे में कुर्बानी के असल मकसद और समाज में आपसी भाईचारे की अहमियत पर रोशनी डाली साथ ही ईदगाह कमेटी के अध्यक्ष हाजी राजू रफ़ी व उनके सहयोगियो ने ईदगाह से सम्बंधित व्यवस्थाओं को मुकम्मल किया।
सुरक्षा व्यवस्था रही सख़्त और चुस्त
ईदगाह में मुस्लिम समाज से संवाद करते इंस्पेक्टर अमरनाथ वर्मा
ईद के मौके पर कोई अव्यवस्था ना हो, इसके लिए प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद रहा।
इंस्पेक्टर अमरनाथ वर्मा के नेतृत्व में पुलिस बल ने ईदगाह से लेकर हाईवे और नगर के प्रमुख रास्तों पर कड़ी निगरानी रखी।
नमाज़ के बाद इंस्पेक्टर ने लोगों को सड़क सुरक्षा नियमों के पालन के लिए जागरूक किया — कार चालकों को सीट बेल्ट और बाइक सवारों को हेलमेट पहनने की सलाह दी गई।
वहीं तहसीलदार धीरेश कुमार, अपने लेखपाल ब्रह्मपाल सिंह और प्रशासनिक टीम के साथ ईदगाह पहुंचे और व्यवस्थाओं का स्थल पर जायज़ा लिया।
तहसीलदार धीरेश कुमार व अन्य
नगर पालिका की ओर से सेवा भाव
ईदगाह पर नगर पालिका द्वारा लगाया त्यौहार मित्रता शिविर
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी नगर पालिका परिषद बिलारी द्वारा त्योहार की तैयारियों में कोई कमी नहीं छोड़ी गई।
अध्यक्ष रघुराज सिंह यादव के नेतृत्व में ईदगाह पर ‘त्योहार मित्रता शिविर’ लगाया गया, जिसमें वुज़ू (अblution) के लिए टैंकर की व्यवस्था, जलपान सेवा और साफ-सफाई की बेहतरीन व्यवस्था की गई।
नगर के कई हिस्सों में चूना छिड़काव, कचरा निस्तारण, और नाली सफाई जैसे कार्यों को तत्परता से अंजाम दिया गया।
ईद का जश्न और आपसी भाईचारा
बिलारी ईदगाह का दृश्य
नमाज़ के बाद लोग गले मिलते नज़र आए, और ‘ईद मुबारक’ की सदाएं हर गली, हर चौक पर सुनाई दीं।
शहर के अलग-अलग इलाकों में तंदूर लगाए गए, जहां कुर्बानी के बाद खाने पकाए गए।
गरीबों, यतीमों और मिस्कीनों में खाना बांटा गया, जिससे त्योहार की रूहानी भावना और गहराई से महसूस की गई।
बच्चों ने नए कपड़े पहनकर मिठाई खाई और गिफ्ट्स के साथ ईद की खुशियाँ मनाईं।
रज़ा मस्जिद बिलारी का दृश्य
इत्तेहाद और तहज़ीब की ईद
बिलारी नगर में इस बार की ईद सिर्फ एक धार्मिक रस्म नहीं थी, बल्कि सामाजिक सौहार्द, प्रशासनिक कुशलता और मानवीयता की अद्भुत मिसाल रही। हर शख़्स ने यह महसूस किया कि जब इरादे नेक हों, व्यवस्थाएं सजग हों और लोग एक-दूसरे के लिए फिक्रमंद हों — तो हर त्योहार, एक जश्न से कहीं बढ़कर बन जाता है।