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प्रेमिका का मकड़जाल हवस ने किया इश्क़ का कत्ल।

प्रेमिका का मकड़जाल हवस ने किया इश्क़ का कत्ल।

अभियुक्त सिपाही विमल कुमार

मोहम्मद आसिफ “कमल” एडवोकेटकी रिपोर्ट : 21 मार्च 2022 को मेरे बेटे सुनील पर मेरे दामाद का फोन आया कह रहा था कि मैं तो बर्बाद हो गया मेरा तो घर उजड़ गया। सुनील ने कहा कि जीजा जी हुआ क्या है? पुष्पा की देर रात किसी समय हालत बिगड़ी और उसकी मौत हो गई। मोबाइल पर सिसकियां की आवाज भी आ रही थी लेकिन वह स्वभाविक नहीं लग रही थी। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि वह रोने की एक्टिंग कर रहा है। सुनील ने मुझे यह बात बताई। बेटी की मृत्यु की खबर सुनते ही मेरे होश उड़ गए। मैंने खुद पर काबू पाते हुए तीनों बेटों को एकत्र किया। आपस में सलाह मशवरा करने के पश्चात गांव के संभ्रांत लोगों को एकत्र किया। कुछ रिश्तेदारों को बुला लिया। ट्रैक्टर ट्राली और कुछ लोग वाइको से बेटी की ससुराल निकल पड़े।
उत्तर प्रदेश के जनपद मुरादाबाद से करीब 8 किलोमीटर दूर कांठ रोड पर ग्राम शेरुआ धर्मपुर स्थित है। यहां अधिकांश लोग खेती करते हैं। पशु पाल कर दूध का धंधा भी साथ साथ चलता रहता है।इस समय बलवंत सिंह गांव के युवा प्रधान हैं। गांव में करीब 3000 के लगभग वोट हैं। जाटव बाहुल्य गांव है। इस चुनाव में प्रधान पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित था।दूसरे नंबर पर कश्यप जाति के लोग हैं।गांव में पाल, जाट, पंडित, यादव, प्रजापति, मुस्लिम बढ़ाई, सिंघाड़िया व विश्नोई जातियों के लोग भी निवास करते हैं।एक घर सैनी जाति का भी है। इस गांव में नंदराम का परिवार भी निवास करता है।खचेड़ू सिंह के पुत्र नंदराम डाक विभाग में पोस्ट मैन है। इस समय अगवानपुर डाकघर के अंतर्गत ग्राम फतेहपुर विश्नोई में उनकी तैनाती है।उनके 3 पुत्र हैं।सचिन व सुनील का विवाह हो चुका है। कुलदीप अभी-विवाहित है। तीन बेटियां हैं। सबसे छोटी बेटी का नाम पुष्पा है। पुष्पा बेटी का पालन पोषण बहुत ही लाड़ प्यार से हुआ। घर के सभी लोग पुष्पा पर जान निछावर करते थे। घर में सबसे छोटी बच्चे पर सभी का प्यार और दुलार होना स्वभाविक भी होता है। उसकी आंख में एक भी आंसू किसी को गवारा नहीं था। बचपन से ही वह ऐसी प्यारी गुड़िया सी थी कि सभी लोग उसको दुलारते रहते। गांव में अपने रिश्तेदार ही नहीं आस पड़ोस के लोग भी बच्ची के दीवाने थे।उसकी बेटे की तरह ही परवरिश की गई। उसकी पढ़ाई में भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। समय बीतता गया। पुष्पा का बी० ए० पूरा हो गया। ग्रेजुएट हो जाने के अलावा पुष्पा घर और रसोई के काम में भी निपुण हो गई। उसके लिए एक अच्छे रिश्ते, जिसका कारोबार भी ठीक-ठाक हो तलाश करनी शुरू कर दी। एक रिश्ता जीआरपी में सिपाही का सामने आया।मैंने उस परिवार की तहकीकात की।मेरे गांव से करीब 15 किलोमीटर दूर जनपद मुरादाबाद के ही थाना मैनाठेर के अंतर्गत एक गांव नूरपुर है। बिचौलिए के बताए पते के अनुसार हमने नूरपुर के लाल सिंह के बेटे पंजाब सिंह के परिवार के बारे में जानकारी की तो पता चला कि उनके दो बेटे विमल कुमार और गुरमीत सिंह हैं। दो बेटियां भी हैं। विमल जीआरपी में कॉन्स्टेबल है। पंजाब सिंह अपने बेटे विमल का विवाह करना चाहते हैं। बात आगे बढ़ी पंजाब सिंह का घर द्वार देखा।विमल पर भी नजर डाली। पुष्पा के लिए जोग सही लगा। परिवार के सभी लोग इस रिश्ते से सहमत हो गए।

पति पत्नी पुष्पा और विमल कुमार का फाइल फोटो

जीआरपी में सिपाही के पद पर तैनात हो जाने के बाद से विमल ने भी अपने लिए एक सुंदर लड़की से शादी करने का प्रस्ताव अपने परिवार में रखा था। उसकी चाहत थी कि लड़की सुंदर सुशील व शिक्षित हो और उसकी ऊंचाई भी 5 फुट से अधिक हो। इकहरा बदन और पर्सनालिटी आकर्षक हो। जब मुझे पुष्पा का फोटो दिखाया गया तो मुझे ऐसा लगा कि यही मेरे सपनों की शहजादी है।फिर मेरी जिंद थी कि पुष्पा से एक बार मुलाकात कराई जाए। जाटव जाति के लोगों में जो विशेषकर ग्रामीण परिवेश में रहते हैं, उनमें अभी इतना खुलापन नहीं है कि शादी से पहले लड़के और लड़की को खुले पन से मिलने जुलने की छूट दे दी जाए। मैंने हिम्मत नहीं हारी और अपने मिशन में लग गया। मैंने किसी तरह पुष्पा का फोन नंबर हासिल कर लिया। मोबाइल पर मेरी पुष्पा से बात हुई। उसकी आवाज ने हीं मेरे कानों में मिठास घोल दी।उसकी नपी तुली बात और कशिश पैदा करने वाली आवाज ने उससे मिलने की चाहत और भी बढ़ा दी। मैंने उससे मिलने की अपनी ख्वाहिश के बारे में बताया। तब पुष्पा ने बताया कि मुरादाबाद के हरथला क्षेत्र में संडे के दिन एक पैंठ बाजार लगता है। मैं और भाभी अक्सर उस बाजार में शॉपिंग करने आते हैं। हरथला के पेंठ बाजार की शोहरत के बारे में मैंने भी सुन रहा था। आसपास के गांव के लोग विशेषकर महिलाएं भी शॉपिंग करने आते हैं। बाजार में ग्रामीण परिवेश में लगने वाले मेले जैसी स्थिति रहती है। इसे आधुनिक शहरी साप्ताहिक मेला भी कहा जा सकता है। एक तरह से मेल मिलाप का भी यह बाजार एक जरिया बना हुआ है।इस तरह एक दिन मेरी पुष्पा से मिलने की इच्छा पूरी हो गई।फोन पर पुष्पा ने बताया कि मैं अपनी भाभी के साथ हरथला के संडे मार्केट में आ रही हूं। मैं भी पहुंच गया।वहां फोन करने पर उसने अपने कपड़ों का रंग बाजार में खड़े होने का पता बताया। इस तरह मेरी मुलाकात हुई। दूध की तरह निखरा उजला खूबसूरत चेहरा बड़ी बड़ी आंखें, भरा पूरा इकहरा बदन, काले चमकदार बाल, कशिश इस कदर की चेहरे से नजर हटने का नाम ना ले। पहली ही मुलाकात में वह आंखों के रास्ते दिल में उतर गई। उसके बाद कोई मुलाकात नहीं हुई। 2013 में पुष्पा के साथ मेरा विवाह हो गया। वैवाहिक जीवन हंसी खुशी गुजर रहा था। घर में कन्या ने जन्म लिया। आंगन किलकारी से गूंज उठा। उसका नाम सोना रखा गया। घर में कन्या के जन्म लेने से मुझे और परिजनों को ऐसा कोई मलाल नहीं था कि पुत्र रत्न की प्राप्ति क्यों नहीं हुई। ऐसा कोई ताना पुष्पा को किसी ने नहीं दिया।पुष्पा के लिए तो बच्चा होना ही बहुत बड़ी उपलब्धि थी। मां तो आखिर मां ही होती है। मासूम सोना को सभी लोग बहुत प्यार करते वक्त पंख लगाकर उड़ता गया भगवान की कृपा हुई और घर में फिर किलकारी गूंजी और पुत्र रत्न की सभी की इच्छा भी पूरी हो गई। उसका नाम ग्रंथ रखा गया। वह समय ढाई वर्ष व बेटी 8 वर्ष की है।
नंदराम थाना मैनाठेर पुलिस को सूचना देते हुए नूरपुर पहुंचे। पुष्पा की हालत देखकर लग ही नहीं रहा था कि उसकी किसी बीमारी से स्वाभाविक मौत हुई है। विमल के परिजनों का कहना था कि तबीयत खराब होने के कारण पुष्पा को होम्योपैथी की दवा पिलाई थी। जिसके रिएक्शन से मौत हो गई। उनकी यही बात नंदराम के साथ गए लोगों ने पकड़ ली। कहा कि होम्योपैथी की दवा से रिएक्शन ऐसा नहीं होता कि रोगी की मृत्यु हो जाए।मैनाठेर पुलिस भी विभागीय सिपाही विमल कुमार और उसके परिवार के कथन को सही मान रही थी। पुलिस का यह रवैया देख परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया काफी संख्या में पुलिस बल मौजूद था। बात बिगड़ती देख पुलिस ने अपने आला अफसरों को घटना की जानकारी दी। गांव में और पुलिस बल भी भेजने को कहा। पुलिस ने परिजनों को समझाने की और शांत करने की पूरी कोशिश की। नंदराम सिंह के परिजनों की मांग पर पुष्पा के शव का पोस्टमार्टम कराए जाने के लिए पुलिस राजी हो गई।पंचनामा भरकर शव पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय भेज दिया।

पुष्पा के पिता नंदराम

नंदराम सिंह के अनुसार सिपाही विमल कुमार के रसूख के चलते पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर को भी पक्ष में लिए जाने की कोशिश की किंतु हम ने आला अफसरों से मिलकर डॉक्टरों के एक पैनल से पोस्टमार्टम कराए जाने में सफलता हासिल कर ली। पोस्टमार्टम होते ही विमल कुमार और उसके परिजन पुष्पा के शव को छोड़कर भाग गए। विभाग के अधिकारियों ने हमसे कहा की पुष्पा का शव आप लोग ही ले जाएं। पुष्पा की ससुराल वाला यहां कोई नहीं है। सभी लोग फरार हो गए हैं।हम लोगों ने गांव से पहले ही अगवानपुर नामक गांव के श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार की व्यवस्था की तथा पोस्टमार्टम हाउस से सीधे श्मशान घाट अगवानपुर ले जाकर अंतिम संस्कार कर दिया। हमारे बड़े बूढ़े कहते हैं कि बेटी की डोली मायके से उठती है और शव यात्रा ससुराल से। उनके संस्कारों का सम्मान करते हुए पुष्पा के शव को सीधे शमशान लाया गया।

मृतक पुष्पा अपने पति अभियुक्त विमल कुमार और बेटी सोना के साथ

अंतिम संस्कार कर के हम लोग घर आ गए।रात भर घर में शोक छाया रहा। पुष्पा को याद कर करके मेरी पत्नी का रो रो कर बुरा हाल हो गया। वह दहाड़े मारकर रोती और कुछ ही देर में बेहोश हो जाती। उसे समझाने और संभालने का साहस कोई नहीं जुटा पा रहा था। सबकी आंखें नम थी और अधिकांश लोगों की आंखों से आंसू टप टप गिर रहे थे। घर में सभी लोगों का रो रो कर बुरा हाल था। किसी तरह रात गुजरी। पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिली जिससे पता चला कि पुष्पा की हत्या गला घोट कर की गई है इतनी जानकारी मिलते ही मैनाठेर पुलिस और अधिकारियों का रुख बदल गया। उन्होंने हमें आश्वासन दिया कि तुम्हारे साथ न्याय किया जाएगा सभी मुलजिमों को सलाखों के पीछे पहुंचाएंगे और उनको सजा दिलाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। पुलिस क्षेत्राधिकारी देश दीपक सिंह के इस आश्वासन से मुझे और परिवार को बहुत शांति मिली। इंस्पेक्टर मैनाठेर अमरनाथ वर्मा भी बड़ी हमदर्दी और जिम्मेदारी से इस मामले को देखने लगे।पोस्टमार्टम रिपोर्ट से गला दबाकर हत्या कर मामला जानकारी में आने पर पुलिस ने नंदराम की तहरीर पर 22 मार्च 2023 को एफ आई आर संख्या 0063 के अंतर्गत कत्ल की धारा में मुकदमा दर्ज किया। गहन जांच-पड़ताल शुरू की। सिपाही विमल और उनके बाप व अन्य लोगों के मोबाइल नंबरों की कॉल डिटेल निकलवाई। जिससे पता चला कि सिपाही की हापुड़ जनपद के बहादुरगढ़ थानाक्षेत्र के कटिया जाफराबाद निवासी अलका से फोन पर लंबी बातचीत होती है। अलका सरकारी नर्स है। अलका के नंबर से विमल के मां बाप से भी बात होने की पुष्टि हुई। मृतिका के पति विमल का पिछले ढाई साल से सरकारी नर्स अलका नाम की लड़की से प्रेम प्रसंग चल रहा था। इस प्रेम प्रसंग की जानकारी मृतिका के पति विमल के माता-पिता को भी थी। साथ ही सभी लोग प्रेमिका अलका को पसंद करने लगे थे। ऐसे में वे सभी विमल की पत्नी को रास्ते से हटाना चाहते थे। पुलिस की मेहनत रंग लाई पुष्पा के पति को पुलिस ने किसी तरह पकड़ने में सफलता हासिल कर ली।

पुलिस गिरफ्त में अभियुक्त कुमारी अलका नर्स, अभियुक्त विमल कुमार सिपाही, और उसके पिता पंजाब सिंह
इंस्पेक्टर मैनाठेर, अमरनाथ वर्मा

हत्या के बारे में ज्यादा कड़ाई से पूछताछ करने की जरूरत नहीं पड़ी। क्योंकि सिपाही होने के नाते वह अच्छी तरह जानता था कि पुलिस की पूछताछ का तरीका कैसा होता है, किसी भी घटना का खुलासा करने के लिए पुलिस क्या-क्या फार्मूले प्रयोग में लाती है। थोड़ी देर आना कानी के बाद वह गिड़गिड़ाने आने लगा।कहने लगा साहब मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई।मेरी पत्नी पुष्पा बहुत ही मुझसे प्यार करती थी। मैं भी इस पर फ़िदा था। दो बच्चों के बाद पुष्पा के व्यवहार में परिवर्तन आ गया।पूछताछ में उसने बताया कि 2 बच्चों के बाद पुष्पा का अधिकतर समय बच्चों की देखभाल में लगने लगा। वह मेरे प्रति उदासीन हो चली थी।मेरा स्वभाव अभी भी युवाओं जैसा बना हुआ था। फेसबुक पर मैं अक्सर हसीन लड़कियों की तस्वीरें देखता और उनसे चैटिंग आदि तरह से मेल मिलाप करने की कोशिश करता।इसी लड़कपन वाले स्वभाव के चलते मेरी फेसबुक पर ही अलका नर्स से मुलाकात हुई।मैंअलका के लिए इस तरह सीरियस नहीं था। वह मेरी छेड़छाड़ और शरारत भरी आदत में ही एक फेसबुक फ्रेंड बन गई। ना चाहते हुए भी बात आगे बढ़ती गई और अलका ने मुझे अपने प्रेम जाल में बुरी तरह फंसा लिया।मेरी स्थिति ऐसी हो गई थी की एक तरफ कुआं और एक तरफ खाई। मैं निर्णय नहीं ले पा रहा था कि मैं क्या करूं। मैंने अलका नर्स को अपने माता-पिता से मिलवाया। जिससे कि उसे पता चल जाए कि मेरी एक सुंदर सुशील पत्नी भी है और मेरे माता पिता अलका नर्स को समझाएं कि वह मेरे बेटे की जिंदगी तबाह ना करें लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। मेरे माता-पिता भी उसके मकड़जाल में फंस गए। अलका की भरपूर तनख्वाह और अतिरिक्त आमदनी की लालच में माता-पिता आ गए। अलका के रहन सहन व ठाट बाट देखकर मेरे माता-पिता हैरान थे।उन्होंने भी अलका नर्स को बहू के रूप में स्वीकार करना शुरू कर दिया। अलका नर्स ने पुष्पा को रास्ते से हटाने के लिए भी माता-पिता को राजी कर लिया। मैं कुछ नहीं कर सका और उनकी प्लानिंग में शामिल हो गया।

अभियुक्त अलका नर्स

इस तरह पुलिस को पता चला कि 20 मार्च की रात हुई सिपाही की पत्नी की हत्या प्रेम प्रसंग के चलते पति ने अपने माता-पिता और प्रेमिका के साथ मिलकर की थी। इसके लिए मृतका की सास और प्रेमिका ने बुलंदशहर के तीन बदमाशों को 55 हजार की सुपारी दी थी। मामले का खुलासा करते हुये घटना में संलिप्त अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु थाना मैनाठेर एवं सर्विलांस टीम द्वारा 25 मार्च को घटना में संलिप्त अभियुक्तगण विमल कुमार पुत्र पंजाब सिंह , पंजाब सिंह पुत्र लालसिंह , ऊषा पत्नी पंजाबसिंह निवासीगण ग्राम नूरपुर थाना मैनाठेर, मुरादाबाद व कुमारी अल्का पुत्री मुख्तियार सिंह निवासी ग्राम कटिका जाफराबाद थाना बहादुरगढ, हापुड को गिरफ्तार किया गया। घटना में प्रयुक्त कार भी बरामद कर ली गई है। बताया कि मैनाठेर थानाक्षेत्र के गांव नूरपुर निवासी विमल कुमार जीआरपी में बरेली में कांस्टेबल है। इन दिनों उसकी ड्यूटी बरेली सिटी जीआरपी थाने की भोजीपुरा पुलिस चौकी पर चल रही थी। करीब ढाई वर्ष पूर्व विमल के प्रेम संबंध हापुड़ जनपद के बहादुरगढ़ थाना क्षेत्र के गांव कटिका जाफराबाद निवासी सरकारी नर्स कुमारी अलका से हो गए। इसकी जानकारी विमल की मां ऊषा और पिता पंजाब सिंह को भी थी। अलका का विमल के घर भी आना-जाना था। उसके माता-पिता भी अलका को बहू बनाना चाहते थे।सीओ बिलारी है देश दीपक ने बताया कि अलका को बहू बनाने के लिए करीब छह माह से विमल की मां ऊषा उसकी पत्नी पुष्पा को रास्ते से हटाना चाह रही थी। पुष्पा की हत्या के लिए करीब तीन महीने पूर्व अलका ने अपने भतीजे सुंदर को तैयार किया। सुंदर ने अपने भांजे निशांत और एक अन्य को इसमें शामिल कर लिया।

पुलिस की गिरफ्त में सुंदर और निशात

विमल ने अपनी पत्नी पुष्पा की हत्या की योजना अमरोहा जनपद के कस्बा जोया में बनाई। इसके लिए हापुड़ से उसकी प्रेमिका अलका, अपने भतीजे सुंदर और उसके भांजे निशांत तथा एक अन्य के साथ अपनी बेगनआर कार नं0 UP 13 AX से जोया आई। इधर से विमल जोया गया। वहां एक होटल में बैठकर योजना को अंतिम रूप दिया।
योजना के अनुसार 20 मार्च की रात करीब दो बजे अलका अपने तीनों साथियों को लेकर कार द्वारा नूरपुर गांव पहुंची। पहले से इंतजार कर रही विमल की मां ने घर का दरवाजा खोला। इसके बाद अंदर जाकर अलका और ऊषा ने सो रही पुष्पा का हाथों से गला दबा दिया। सुंदर, निशांत और उनके साथी ने पुष्पा के हाथ पैर पकड़ लिए। इस दौरान विमल का पिता पंजाब सिंह दरवाजे पर पहरेदारी करता रहा। घटना को अंजाम देने के बाद अलका अपने साथियों के साथ वापस लौट गई जबकि विमल के माता-पिता आराम से सो गये।
सीओ बिलारी देश दीपक ने बताया कि पुष्पा की हत्या के लिए उसकी सास ऊषा ने 20 और अलका ने 35 हजार रुपये की सुपारी दी थी। पुष्पा को माइग्रेन की बीमारी थी। इसलिए सुबह उसके सास-ससुर ने गांव में यह बात फैला दी कि पुष्पा की सोते समय मौत हो गई। मगर पोस्टमार्टम में उसकी मौत का सच सामने आ गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पुष्पा की मौत का कारण थ्रोटलिंग बताया गया। तब पुलिस का माथा ठनका। पुलिस को यकीन हो गया कि पुष्पा की हत्या उसी के ससुरालवालों ने की है।

मृतक पुष्पा

इंस्पेक्टर मैनाठेर अमरनाथ वर्मा ने बताया कि पत्नी की हत्या का मास्टरमाइंड विमल घटना के समय अपनी ड्यूटी पर मौजूद था। उसने पुलिस को गुमराह करने के लिए अच्छी कहानी गढ़ी थी। उसकी मां बीमार थी और पिता बूढ़े। इसलिए पुलिस जब भी उसकी मां से पूछताछ करती थी तो वह बेहोश हो जाती थी।
सिपाही विमल और सरकारी नर्स अलका की दोस्ती करीब ढाई साल पूर्व फेसबुक के जरिए हुई थी। इसके बाद दोनों में प्यार हो गया। विमल ने अपने माता-पिता को अलका से शादी करने की इच्छा के बारे में बताया तो कमाऊ बहू के लालच में वह भी उसका साथ देने के लिए तैयार हो गये। 25 मार्च 2023 को पुलिस ने अभियुक्त विमल प्रेमिका कुमारी अलका और पिता पंजाब सिंह को अदालत में पेश किया। यहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।उषा की हालत खराब होने के कारण उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। स्वास्थ्य लाभ होने पर उसे भी जेल भेज दिया गया।
पुष्पा हत्याकांड का सफल खुलासा करने वाली पुलिस व सर्विलांस टीम को एसएसपी ने 25 हजार रुपये और प्रशस्ति पत्र से पुरस्कृत करने का एलान किया। घटना का खुलासा करने वाली टीम में इंस्पेक्टर मैनाठेर अमरनाथ वर्मा, इंस्पेक्टर क्राइम जितेंद्र सिंह, एसआई वेदपाल सिंह, अजयपाल सिंह, जयपाल सिंह, सर्विलांस सेल प्रभारी एसआई आशीष सेहरावत, सर्विलांस सेल के हेड कांस्टेबल राजीव कुमार, कांस्टेबल कपिल कुमार, मैनाठेर थाने के कांस्टेबल अक्षय खाटियान, वीरपाल, अतुल चौधरी, महिला कांस्टेबल कुमारी आशा और कुमारी उपासना शामिल रहीं। (कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित)

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