FACTUM: चिटफंड कंपनियों में पैसा जमा करने वालों की लगी लम्बी लाइन लोगों ने सुनाये दर्द | LATEST NEWS
बिलारी तहसील परिसर बुधवार को चिटफंड (Chitfund) में अपना पैसा जमा करने या निवेश (Investment) करने वालों की लंबी लाइन लगी जहां लोगों ने अपना दर्द बयां किया। जिलाधिकारी (District Magistrate) के दिशा निर्देशन पर उप जिलाधिकारी राज बहादुर सिंह द्वारा की गई इस व्यवस्था में ऐसे लोगों के कागजात जमा हो रहे हैं जिन्होंने चिटफंड (Chitfund) रूपी कई कंपनियों में अपना पैसा जमा किया है और वह मिल नहीं रहा है। इनमें पीएसीएल, (PACL)सहारा इंडिया, (SAHARA INDIA) कल्पतरु, (KALPTARU) कल्पबट (KULPBUT) रियल एस्टेट लिमिटेड इत्यादि कंपनियां शामिल है। संवाददाता नोमान जमाल ने जब भीड़ में खड़े लोगों से इस विषय में बात की तो उनका दर्द छलक उठा लोगों का कहना है कि इन कंपनियों में हमने अपना थोड़ा थोड़ा पैसा जमा किया था जिससे कि आने वाले वक्त में वह इकट्ठा हो और हमें हमारी जरूरत पर वह पैसा मिल सके पर ऐसा नहीं हुआ। बड़ा दुख है कि हमें हमारे पैसे के लिए ही सालों से जहां-तहां भटकना पड़ रहा है और आज फिर एक बार हम लाइन में खड़े हैं। बताया कि सरकार की इस पहल से लाखों लोगों में उम्मीद जगी है यही कारण है कि हम कागज जमा कर रहे हैं हो सकता है कि अब हमे हमारा पैसा मिल जाए।
रूपचंद शेरपुर माफी के निवासी हैं जिनके कल्पतरु नामक कंपनी में लगभग दो लाख रु फंसे हैं। उन्होंने बताया कि गांव वालों के माध्यम से पता चला कि अब यह पैसे मिल जाएंगे इसलिए वह भी सुबह से कागज जमा करने के लिए लाइन में लगे हैं। उनका कहना है कि वह एक मजदूर है और कुछ पैसे जमा हो जाएंगे यह सोचकर इस कंपनी में पैसा जमा किया था।

अफरोज जहां ग्राम ग्वाल खेड़ा की निवासी हैं। उनका कहना है की लगभग 12 साल पहले उन्होंने पल्स नामक कंपनी में थोड़े थोड़े पैसे इसलिए जमा किये थे की वक्त जरूरत कुछ पैसे बढ़कर मिल जाएंगे पर ऐसा नहीं हुआ। अब सरकार की इस पहल से उम्मीद जगी है हो सकता है कि हमारे पैसे मिल जाएं उनका कहना है कि सुबह से वह लाइन में लगी है

मोहम्मद नदीम इब्राहिमपुर के निवासी हैं। जिनके पल्स कंपनी में लगभग अस्सी हजार रु फंसे हैं उनका कहना है कि लगभग 12 सालों से यह पैसा अटका हुआ है सरकार की इस पहल से अगर हमारा यह पैसा मिल जाएगा तो हमारा बहुत काम चल जाएगा।

बब्लू शर्मा नगर बिलारी के निवासी हैं उनका कहना है कि लगभग ढाई लाख रुपए सहारा इंडिया में फंसे हुए हैं वह सहारा इंडिया के दफ्तर पर चक्कर लगाते लगाते थक चुके हैं।पर उनके पैसे नहीं मिल सके अब तहसील में आए हैं हो सकता है कि अब हमारा फंसा हुआ यह पैसा मिल जाए।

जिलाधिकारी के आदेश अनुसार प्रत्येक तहसील में ऐसे काउंटर बनाए गए हैं। जिन लोगो के चिटफंड कंपनियों में पैसे फंसे हुए हैं वहां ऐसे लोगों के साक्ष्य संबंधित कागजात जमा कराए जा रहे हैं। बहुत बड़ी संख्या में ऐसे पीड़ित निकल कर आए हैं इसलिए इसका आकलन तहसील वाइज कराया जा रहा है। प्रत्येक वर्किंग डे में यह कार्य सुबह 10:00 बजे से प्रारंभ होकर दोपहर 2:00 बजे तक अग्रिम आदेश आने तक चलता रहेगा।
