FACTUM: एसपी भी समाज सेवी भी” कई दुर्घटनाओं में की है लोगों की मदद फिर बचाई जान
अपने नेक कार्यों से पुलिस की सकारात्मक छवि को दर्शाते हैं एसपी संदीप मीणा
बिलारी। अक्सर पुलिस से जुड़ी नकारात्मक खबरें ही अखबारों की हैडलाइन बनती है पर ज़िला मुरादाबाद के एसपी देहात संदीप कुमार मीणा अपने नेक क्रियाकलापों से लगातार पुलिस की सकारात्मक छवि दर्शा रहे हैं और विभाग को अपने द्वारा किए गए नेक कामों से लगातार यह संदेश दे रहे हैं कि पुलिस नेक काम करती है ओर यही बेहतर पुलिसिंग है। आपको अवगत करा दें कि शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक ग्रामीण संदीप कुमार मीणा ने क्षेत्र के थाना मैनाठेर के असालतनगर में भृमण के दौरान देखा कि कुछ घायल रोड के किनारे पड़े हुए थे, पास में बाईक भी पड़ी हुई थी। आसपास के लोगों से पूछताछ एवं घटनास्थल के निरीक्षण से पता चला कि एक मारुति कार इन बाईक सवार घायलों को टक्कर मारकर भाग गयी है। घायल जतिन पुत्र चन्द्र किशोर उम्र करीब 22 वर्ष के सिर में गम्भीर चोट है तथा अभिषेक पुत्र शूरवीर उम्र करीब 19 वर्ष व अरुण पुत्र हुकुम सिंह उम्र करीब 19 वर्ष को सामान्य चोटें आईं हैं।
एसपीआरए सन्दीप कुमार मीणा ने स्वयं व उनके एस्कोर्ट द्वारा शीघ्र कार्रवाई करते हुये घायलों को उनको प्राथमिक उपचार दिया एवं उनको उठाकर एस्कोर्ट जिप्सी में बैठाकर एस्कोर्ट जिप्सी के माध्यम से उपचार हेतु साईं अस्पताल मुरादाबाद ले जाकर भर्ती कराया।पुलिस अधीक्षक ग्रामीण की तत्परता से घायलों की जान बच गई। घायलो के परिजनों को उचित माध्यम से सूचना दी गई है। परिजन अस्पताल में मौजूद है ओर सभी घायलों का इलाज चल रहा है। ऐसा कई बार हुआ है कि जब कभी एसपी देहात अपने दौरे पर हैं और किसी को उनकी जरूरत पड़ी हो तो उन्होंने ज़रूर मदद न की है।पूर्व में भी एसपीआरए संदीप कुमार मीणा के ऐसे कई किस्से हैं जिनकी चर्चा समाज मे होती रही है। कई मामले और भी ऐसे हुए हैं जहां संदीप कुमार मीणा द्वारा अपने निजी एस्कॉर्ट से घायलों को उपचार हेतु अस्पताल में भेजा जा चुका है। संदीप कुमार मीणा के इस कार्य को ग्रामीणों ने देखा तो ग्रामीणों को उन पर फ़ख़्र हुआ और लोगों ने कहा कि देखो पुलिस फरिश्ता भी होती है।
“यदि आप मोटरसाइकिल सवार हैं तो कृपया हेलमेट अवश्य लगाएं। तीन सवारियों को मोटरसाइकिल पर न बैठाएं। याद रखें आपके परिवार वाले आपकी आपके घर पर प्रतीक्षा कर रहे हैं। इसलिए यातायात के नियमों को जरूर माने यही नियम हैं जो आपकी जान को बचाते हैं। सड़क पर घायल पड़े उपरोक्त तीन लोग एक ही मोटरसाइकिल पर सवार थे और किसी ने भी हेलमेट नहीं पहना था। किसी कारण वश दुर्घटना हुई और लोग घायल हो गए। यदि हेलमेट होता तो यह चोटे काफी कम हो सकती थी। यदि आपको कहीं भी दुर्घटनाग्रस्त घायल लोग सड़क पर दिखें तो उन्हें नज़रंदाज़ न करें न ही डरे उनकी मदद जरूर करें। ऐसा करके लोगों की जान को बचाया जा सकता है।”
एसपी ग्रामीण सन्दीप कुमार मीणा