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Factum News:- “ऑपरेशन सिंदूर” के बाद भारत-पाकिस्तान में तनाव चरम पर: अब तक 73 लोगों की मौत, दोनों ओर से हवाई और जमीनी हमले जारी

“ऑपरेशन सिंदूर” के बाद भारत-पाकिस्तान में तनाव चरम पर: अब तक 73 लोगों की मौत, दोनों ओर से हवाई और जमीनी हमले जारी

ऑपरेश सिन्दूर 2.0?

🔴 पृष्ठभूमि: पहलगाम आतंकी हमला

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 28 हिंदू पर्यटकों की मौत हो गई थी। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने ली थी। हमलावरों ने विशेष रूप से हिंदू पुरुषों को निशाना बनाया, जिससे कई महिलाएं विधवा हो गईं। इस घटना के बाद भारत सरकार ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा पर सीधा हमला मानते हुए कड़ा जवाब देने की घोषणा की।

 

🚀 ऑपरेशन सिंदूर: भारत की जवाबी कार्रवाई

7 मई 2025 को भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित 9 आतंकवादी ठिकानों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए। इनमें बहावलपुर, मुरिदके, मुज़फ़्फराबाद, कोटली और भिंबर जैसे स्थान शामिल थे, जिन्हें जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालय माना जाता है। भारत ने दावा किया कि इन हमलों में 70 आतंकवादी मारे गए और कोई नागरिक हताहत नहीं हुआ।

 

⚠️ पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और जवाबी हमले

पाकिस्तान ने भारत के हमलों को ‘युद्ध की कार्यवाही’ करार देते हुए जवाबी कार्रवाई की घोषणा की। पाकिस्तानी सेना ने दावा किया कि उन्होंने 5 भारतीय लड़ाकू विमानों को मार गिराया, हालांकि भारत ने इस दावे को खारिज किया है। इसके अलावा, पाकिस्तान ने भारत के जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में भारी गोलाबारी की, जिसमें कई नागरिकों की मौत हुई।

हमलों में हुए नुकसान की तस्वीरें

📊 हताहतों का आंकड़ा (8 मई 2025 तक)

पक्ष ,मौतें ,घायल क्रमानुसार

भारत 15 नागरिक, 1 सैनिक 43 नागरिक
पाकिस्तान 31 नागरिक 46 नागरिक
कुल 73 89

 

🌍 अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, चीन, रूस और यूरोपीय संघ ने दोनों देशों से संयम बरतने और कूटनीतिक समाधान खोजने की अपील की है। हालांकि, दोनों देशों की सरकारें अपने-अपने रुख पर अड़ी हुई हैं, जिससे क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ रही है।

🧾 निष्कर्ष

“ऑपरेशन सिंदूर” के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर है। दोनों देशों के बीच जारी सैन्य कार्रवाई और कूटनीतिक टकराव ने क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं। आने वाले दिनों में स्थिति किस दिशा में जाएगी, यह देखने वाली बात होगी।

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