GHAZAL: ज़ीस्त का मौत से सामना रह गया एक बालिश्त का फ़ासला रह गया
ग़ज़ल ज़ीस्त का मौत से सामना रह गया एक बालिश्त का फ़ासला रह गया वक़्ते-बे-रहम ने छीना सब कुछ मिरा
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ग़ज़ल ज़ीस्त का मौत से सामना रह गया एक बालिश्त का फ़ासला रह गया वक़्ते-बे-रहम ने छीना सब कुछ मिरा
Read Moreमौका था , जे.ए. के. आर्ट एंड कल्चर के तत्वावधान में हुई उर्दू शे’री नशिस्त का जिसमें ग्वालियर शहर के
Read Moreइश्क़ हो पाएगा नया पूछा इक नजूमी से ज़ाइचा पूछा सुर्ख़ आंखों का माजरा पूछा फिर किया तुमने रतजगा पूछा
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Read Moreग्वालियर। मध्य प्रदेश उर्दू अकादमी , संस्कृति परिषद् संस्कृति विभाग द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के तहत तलाश ए जौहर
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